5 TIPS ABOUT पारद शिवलिंग फोटो YOU CAN USE TODAY

5 Tips about पारद शिवलिंग फोटो You Can Use Today

5 Tips about पारद शिवलिंग फोटो You Can Use Today

Blog Article

Feng shui for youngsters, How to enhance ambition in little ones, How to enhance small children iq, How to enhance children's focus and concentrate

कुछ मान्यताओं के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा करने से ग्रह दोषों से रक्षा मिलती है।

शिवलिंग अंडाकार है क्योंकि शिव ही वह बीज है जिसने सृष्टि का निर्माण किया। यही कारण है शिव से सम्बंधित वह बीज अंडाकार है। वहीँ वैज्ञानिकों की मानें तो इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण एक छोटे से अंडे से हुआ है।

पारद शिवलिंग को अगर आप धार्मिक सभी में रखते हैं तो यह देवी सरस्वती को जागृत करके ज्ञान लाता है। साथ ही छात्रों के लिए भी इसकी पूजा करना बहुत कल्याणकारी माना गया है। छात्र अगर पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं तो उनका दिमाग तीव्र हो जाता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग हमारे चारों ओर की आभा को संतुलित और सामंजस्य स्थापित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की पूजा करने website से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होती है।

अपने जीवन में कामयाबी पाने के लिए आपको इस शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

It seems like you were being misusing this attribute by likely far too fast. You’ve been quickly blocked from making use of it.

पारद शिवलिंग की पूजा से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। प्राचीन ग्रन्थों में पारद शिवलिंग की पूजा को सर्वोत्तम बताया गया है। पारद शिवलिंग के महत्व का वर्णन ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवेवर्त पुराण, शिव पुराण, उपनिषद आदि ग्रंथों में किया गया है।

तदा वंशस्यविस्तारो जायते नात्र संशय:।।

पारद शिवलिंग के दाहिने तरफ घी का दीपक जलाएं।

पारद शिवलिंग को अभिमंत्रित करा कर लेने के फायदे :

पारद शिवलिंग की विशेषता यह है कि पूजा करने से पहले इसे सक्रिय करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से सक्रिय होता है। इसलिए बिना किसी विचार के घर में पारद शिवलिंग रखकर पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कमी नहीं होती है। घर-परिवार में मौजूद सभी समस्याएं धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं।

पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?

मध्वाज्येन धनार्थी स्यान्मुमुक्षुस्तीर्थवारिणा।

Report this page